डेबिट या क्रेडिट कार्ड से करते हैं मोबाइल रिचार्ज या बिल पेमेंट तो ध्यान दें, 1 अप्रैल से बदलना वाला हैं पेमेंट का नियम

पेमेंट को लेकर RBI नया नियम ला रही है.
RBI ने 31 मार्च के बाद सत्यापन के लिये अतिरिक्त उपाय को अनिवार्य किया है.अगर इस अतिरिक्त सत्यापन उपाय का अनुपालन नहीं किया गया, तो संबंधित इकाइयों को बिजली समेत अन्य ग्राहक केंद्रित सेवाओं, OTT समेत अन्य बिलों के भुगतान में 31 मार्च के बाद असर पड़ सकता है.
सेवाओं पर पड़ सकता है असर: केंद्रीय बैंक ने जोखिम कम करने के उपायों के तहत इस कदम की घोषणा की, जिसका मकसद कार्ड के जरिये लेन-देन को मजबूत और सुरक्षित बनाना है. अगर इस अतिरिक्त सत्यापन उपाय का अनुपालन नहीं किया गया, तो संबंधित इकाइयों को बिजली समेत अन्य ग्राहक केंद्रित सेवाओं, ओटीटी (ओवर द टॉप) समेत अन्य बिलों के भुगतान में 31 मार्च के बाद असर पड़ सकता है.
हाल ही में आरबीआई ने संपर्क रहित कार्ड के जरिये भुगतान और कार्ड तथा यूपीआई के जरिये स्वत: बिलों के भुगतान की सीमा एक जनवरी से 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी. इस पहल का मकसद डिजिटल लेन-देन को सुगम और सुरक्षित बनाना है.
इस नए नियम के तहत बैंकों को नियमित तौर पर बिलों के भुगतान के बारे में ग्रहक को सूचना देनी होगी और ग्राहक से मंजूरी के बाद ही उसका भुगतान किया जा सकेगा. अत: इससे बिलों का भुगतान स्वत: नहीं होगा बल्कि ग्राहक से सत्यापन यानी मंजूरी के बाद ही हो सकेगा. नए दिशानिर्देश के तहत 5,000 रुपये से अधिक के भुगतान के लिये बैंकों को नए दिशानिर्देश के तहत ग्राहकों को ‘वन-टाइम पासवर्ड’ भेजना होगा.ई-कॉमर्स कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उद्योग अभी आरबीआई के निर्देश के क्रियान्वयन के लिये तैयार नहीं है. उसने कहा कि अगर आरबीआई ने नियम के अनुपालन को लेकर समय नहीं दिया तो एक अप्रैल से ग्राहक ने लेन-देन को लेकर जो ई- मंजूरी दे रखी है, बैंक उसका अनुपालन नहीं कर पाएंगे. इससे नियमित तौर पर बिलों के भुगतान और अन्य लेन-देन बाधित होंगे. इससे डिजिटल भुगतान को लेकर ग्राहकों का भरोसा टूटेगा.
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